EPFO Pension New Rule 2025: हाल ही में EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) द्वारा पेंशन योजना में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जो हर कर्मचारी को जानना जरूरी है। अब EPFO पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी करना जरूरी है, तभी आप इस योजना के तहत मासिक पेंशन के पात्र माने जाएंगे।
पहले की तरह ही कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) का एक हिस्सा पेंशन योजना में जाता रहेगा, लेकिन अब ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि आपने 10 साल से कम काम किया है, तो आपको पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि सिर्फ जमा पैसा वापस मिलेगा। इसलिए जो लोग कम समय के लिए नौकरी करते हैं, उन्हें अब सोच-समझकर योजना बनानी होगी।
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10 साल काम करना क्यों हुआ जरूरी?
EPFO ने यह नियम इसलिए लागू किया है ताकि पेंशन स्कीम को ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनाया जा सके। पहले कुछ कर्मचारी कम समय काम करके भी EPF योजना से लाभ लेने की कोशिश करते थे। इससे योजना पर बोझ बढ़ता था और लंबी अवधि तक नौकरी करने वालों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता था।
अब यह साफ कर दिया गया है कि EPF पेंशन का लाभ सिर्फ उन्हें मिलेगा जिन्होंने 10 साल या उससे ज्यादा समय तक योगदान दिया है। इसका मतलब है कि यदि आपकी नौकरी बार-बार छूटती है या आप फ्रीलांस या अस्थायी काम करते हैं, तो आपको पेंशन के लिए नियमित नौकरी की जरूरत होगी। यह नियम उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो लंबी अवधि तक एक ही या विभिन्न संस्थानों में कार्यरत रहते हैं।
EPF पेंशन कब और कैसे मिलती है?
EPFO पेंशन योजना के तहत पेंशन लेने की न्यूनतम आयु सीमा 58 वर्ष होती है। कर्मचारी की मासिक सैलरी में से 8.33% हिस्सा पेंशन योजना में जमा होता है, जो रिटायरमेंट के बाद पेंशन बनता है।
यदि कोई कर्मचारी 58 वर्ष की उम्र के बाद रिटायर होता है और उसने 10 साल या उससे अधिक काम किया है, तो उसे मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। यदि कर्मचारी 58 वर्ष से पहले ही रिटायर हो जाता है, तो वह कम रेट पर पेंशन के लिए पात्र हो सकता है, लेकिन उसमें कुछ कटौती हो सकती है।
EPFO पेंशन के लिए आवश्यक दस्तावेज
पेंशन के लिए आवेदन करते समय आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की जरूरत होती है।
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक या कैंसिल चेक
- सेवा प्रमाण पत्र (Service Certificate)
- उम्र का प्रमाण पत्र
- पेंशन क्लेम फॉर्म (Form 10D)
इन दस्तावेजों के जरिए EPFO आपके सेवा काल और योग्यता की पुष्टि करता है, ताकि पेंशन की प्रक्रिया पारदर्शी हो और जल्दी हो सके।
नई व्यवस्था का किसे फायदा और नुकसान?
लंबे समय तक नौकरी करने वालों को इस नई व्यवस्था से फायदा होगा, क्योंकि इससे स्कीम में पैसा जमा रहेगा और पेंशन की गारंटी बनी रहेगी। खासकर निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
लेकिन अगर आपने सिर्फ 4–5 साल काम किया है और नौकरी बदलते रहे हैं, तो अब EPF पेंशन नहीं मिलेगी, केवल PF का हिस्सा ही वापस मिलेगा। इसलिए युवा नौकरीपेशा लोगों को अब करियर प्लानिंग सोच-समझकर करनी होगी।
निष्कर्ष (Conclusion)
EPFO के नए नियम से यह स्पष्ट है कि अब पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल नौकरी करना जरूरी है। यह बदलाव कर्मचारियों को अधिक स्थिर करियर की ओर प्रेरित करेगा और EPF पेंशन योजना को टिकाऊ बनाएगा। ऐसे में अगर आप पेंशन का फायदा उठाना चाहते हैं तो अपने नौकरी के वर्षों की सही जानकारी रखें और नियमित EPF योगदान जारी रखें।